प्रे� विज्ञप्त�

प्रधानमंत्री ने यूके-भारत मुक्� व्यापा� वार्ता के पुनः प्रारं� की घोषण� की

प्रधानमंत्री ने घोषण� की है कि यूके-भारत व्यापा� वार्ता नए वर्ष मे� पुनः प्रारं� होगी�

प्रधानमंत्री ने जी20 शिखर सम्मेल� मे� प्रधानमंत्री नरेंद्� मोदी के सा� द्विपक्षी� बैठक के बा� घोषण� की कि यूके-भारत व्यापा� वार्ता नए वर्ष मे� पुनः प्रारं� होगी�

विदेशो� मे� व्यापा� को बढ़ावा देना घरेल� अर्थव्यवस्था को मजबू� बनान� के लि� आवश्यक है� ब्रिटे� भारत के सा� व्यापा� समझौते पर बातची� करने के लि� प्रतिबद्� है � जो विश्� की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं मे� से एक है�

ब्रिटे� भारत के सा� एक नय� रणनीति� साझेदारी समझौता करने का प्रयास करेग�, जिसमें व्यापा� समझौते के सा�-सा� सुरक्ष�, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रो� मे� सहयो� को गहरा किया जाएगा।

व्यापा� और उद्योग सचिव ने जुला� मे� मुक्� व्यापा� समझौते के साझेदारो� के सा� वार्ता फि� से शुरू करने के लि� ब्रिटे� की प्रतिबद्धत� की घोषण� की थी� तब से, खाड़ी सहयो� परिष�, स्विट्जरलैंड और दक्षिण कोरिया के सा� वार्ता शुरू हो चुकी है� ब्रिटे� 15 दिसंबर को व्यापक और प्रगतिशी� ट्रांस-पैसिफि� पार्टनरशिप समझौते (सीपीटीपीपी) मे� भी शामि� होने वाला है�

व्यापा� और उद्योग विभा� जल्द ही सरका� की नई व्यापा� रणनीति का अनावरण करेग�, जो औद्योगिक रणनीति के सा� संरेखि� है, ताकि भविष्य की व्यापा� वार्ताओं को मार्गदर्शन प्रदान किया जा सक� और व्यापा� के माध्यम से दीर्घकालिक, सत�, समावेशी और लचीली वृद्धि प्राप्� की जा सके।

प्रधानमंत्री जी20 ब्राजी� यात्रा का उपयो� दुनिया की प्रमुख आर्थिक शक्तियों के सा� संबं� मजबू� करने, विका� को बढ़ावा देने और ब्रिटि� जनता के लि� बेहत� परिणाम देने के लि� कर रह� हैं।

प्रधानमंत्री की� स्टारम� ने कह�:

आर्थिक विका� को बढ़ावा देना कामकाजी लोगो� के जीवन स्तर मे� सुधा� के लि� महत्वपूर्ण है�

भारत के सा� एक नय� व्यापा� समझौता यूके मे� रोजगार और समृद्ध� का समर्थन करेग� � और हमार� दे� मे� विका� और अवसर प्रदान करने के मिशन मे� एक कद� आग� बढ़ाएगा।

व्यापा� और उद्योग सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्� ने कह�:

भारत विश्� की पांचवी� सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यूके का एक महत्वपूर्ण व्यापारि� साझेदा� है� हमें विश्वा� है कि यहां दोनो� देशो� के लि� लाभकारी समझौता हो सकता है�

चाहे यह ब्रिटि� कंपनियों को इस गतिशी� बाजा� मे� निर्या� मे� मद� करने के लि� भारती� शुल्� को कम करना हो या उस निवे� को बढ़ावा देना हो जो पहले से ही दोनो� देशो� मे� 600,000 से अधिक नौकरियों का समर्थन करता है, समझौता करना इस सरका� के आर्थिक विका� को बढ़ावा देने के मुख्� मिशन के लि� महत्वपूर्ण है�

भारत के सा� एक समझौता यूके के व्यापारि� संबं� को और मजबू� करेग�, जो जू� 2024 तक के 12 महीनो� मे� £42 बिलियन मूल्� का था� भारत को यूके का निर्या� £16.6 बिलियन का है�

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प्रकाशित 18 नवंब� 2024