भाषण

भारत के उत्त� पूर्वी क्षेत्रो� मे� माओवादियों के प्रसार पर प्रतिक्रिय�

सेंट� फॉ� डेवलपमें� एं� पी� स्टडीज� के तत्वावधा� मे� आयोजित एक सम्मेल� मे� पूर्वी भारत ब्रिटि� उप-उच्चायुक्त श्री स्कॉ� फर्सेडॉन-वु� द्वारा दि� भाषण की लिखि� प्रतिलिपि।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तह� प्रकाशित किया गय� था
Scott Furssedonn-Wood MVO

अस� के माननी� मुख्� मंत्री श्री तरुण गोगो�, श्री पी सी हल्द� तथ� यहां उपस्थि� सम्मानित मेहमान � मित्रो!

सांस्कृतिक रू� से समृद्ध तथ� विविधताओ� भर� भारत के उत्त�-पूर्� राज्यो� का एक प्रमुख केंद्र, गुवाहाटी आन� की मुझे काफी खुशी है� उत्त� पूर्� की यह मेरी पहली यात्रा है,पर मै� यहां बा�-बा� आन� चाहूंगा। इस आकर्षक प्रदेश के बारे मे� अपना अध्ययन शुरु करने का इससे अच्छ� को� स्था� नही� होगा, जो उत्त�-पूर्वी एशिय� का प्रवेश द्वा� है� भारत के इस हिस्से मे� वास्तविक अवसर मौजू� है, पर इस प्रदेश की अपनी अल� चुनौतिया� भी हैं।

मेरी सरका� इस बा� को लेकर दृ� है कि भारत तथ� ब्रिटे� के बी� के संबं� और मजबू�, व्यापक तथ� गह� होने चाहिए। हम दोनो� ही दे� एक-दूसर� का सहयो� कर रह� है� और विका� को आग� बढ़ान�, संघर्ष रोकन� तथ� शांत� जैसे कई क्षेत्रो� मे� सा� मिलक� कार्� कर रह� हैं।

हम आतंकवा� से लड़ने के लि� सा� मिलक� का� करते रह� हैं। आतंकवा� आज कई सारे देशो� के लि� एक गंभी� चुनौती बन गग� है और सा� ही यह विका� और प्रगति के रास्ते मे� अवरो� भी साबि� हो रह� है� सा� मिलक� हम अपने लोगो� को अधिक सुरक्षित बन� सकते हैं। ब्रिटे� तथ� भारत के बी� रक्ष�, आतंकवा� निरो� तथ� सायब� हमले जैसे मामल� पर सहयो� अब पहले से कही� ज्यादा गह� हो गय� है� अब बर्मिंघम और बेंगलूरु की सड़को� पर लो� यद� सही-सलाम� है� तो इस वज� से कि हमने उनकी सुरक्ष� के लि� सा� मिलक� का� किया� हमारी संबंधि� अदालतो� मे� अपराधियो� को सज� सुना� जा रही है, क्योंक� हमारी पुलि� और न्या� व्यवस्था अब सा� मिलक� का� कर रही है�

भारत भर मे� शांत�, सुरक्ष� तथ� विका� के लि� ब्रिटि� सरका� कई सरकारी तथ� गै�-सरकारी प्रयासों को बढ़ाव� देती रही है� इस संदर्भ मे� ‘भार� के उत्त� पूर्वी क्षेत्रो� मे� माओवादियों के प्रसार पर प्रतिक्रिया� विषय पर आयोजित इस राष्ट्री� सम्मेल� मे� सेंट� फॉ� डेवलपमें� एं� पी� स्टडी� को समर्थन प्रदान करने मे� हमें हर्ष अनुभ� हो रह� है�

अगले दो दिनो� तक भारत भर के विशेषज्ञ इस महत्वपूर्ण विषय पर हमारी सम� का विश्लेषण करेंगे, उसपर विचा�-विमर्श करेंगे तथ� उस� आग� बढ़ाएंगे। यहां उनके उपस्थि� होने को लेकर हमें प्रसन्नत� है� इन मुद्दो� पर उनके विचा� तथ� ज्ञा� मेरे अपने ज्ञा� से कही� अधिक होंगे। अपनी तर� से मै� यही कहूंगा कि समाज मे� असली विका� लाने के लि� संघर्ष को जड़ से खत्म करना तथ� शांत� बहाली की ओर अग्रसर होना एक अह� जरूर� है� यही भारत के उत्त�-पूर्� के लि� भी सही है� यहां अपार आर्थिक संभावनाए� है� और यहां की अर्थव्यवस्था विका� की ओर बढ़ रही है� आज गुवाहाटी दे� के तीव्� विका� वाले शहरो� मे� शामि� हो चुका है�

पूर्वी तथ� उत्त�-पूर्वी भारत के ब्रिटि� प्रतिनिध� की हैसियत से मुझे पत� है कि आन� वाले सम� मे� भारत के विका� के लि� भारत के उत्त� पूर्वी हिस्से को समृद्ध बनान� ही होगा� मै� उत्त� पूर्वी क्षेत्� को भारत की अर्थव्यवस्था मे� तथ� इन दोनो� देशो� के बी� के आर्थिक सहयो� मे� एक अधिक अह� और गतिशी� भूमिका निभाते देखन� चाहत� हूं।

भारत तथ� ब्रिटे� बड़� मजबू� आर्थिक सहयोगियो� के रू� मे� उभ� रह� हैं। ब्रिटे� तथ� भारत के बी� का व्यापा� वर्ष 2010 से 23 फीसदी की दर से बढ़� है� हमार� लक्ष्य है कि वर्ष 2015 तक हमार� साझा व्यापा� दुगन� होकर £ 23 बिलियन तक जा पहुंचे� निवे� मे� भी वृद्धि हो रही है� ब्रिटे� भारत के लि� तीसर� सबसे बड़� निवेशक दे� है और ब्रिटे� के लि� भारत पांचवा सबसे बड़� निवेशक दे� है� ब्रिटे� की प्रमुख ते� कंपनी ‘बीपी� भारत मे� अकेल� सबसे बड़� निवेशक है, इसके बा� बड़� निवेशक कंपनियों मे� वोडाफो� का ना� आत� है� ब्रिटे� मे� टाटा समूह सबसे बड़� रोजगार प्रदात� है, जहां 45,000 लो� कार्यर� है� और इस समूह ने कोवेंट्री मे� अपने अनुसंधान तथ� विका� केंद्र मे� दि� खो� कर निवे� किया है�

मुझे पूरा भरोस� है कि इस क्षेत्� मे� विका� अवसरों की अपार संभावन� है, खासक� बुनियादी ढांच�, शिक्षा तथ� प्रशिक्ष�, ते� और गै�, निम्� कार्बन विका� � स्वास्थ्� सेवा के क्षेत्� में। मुझे पत� है कि उत्त� पूर्� मे� व्यापा� तथ� वाणिज्� को बढ़ाव� देने के लि� कंपनियों तथ� सरकारो� के सा� व्यवसा�-व्यवसा� के बी� का संवा� जारी है�
गुवाहाटी � केवल उत्त� पूर्� का बल्क� पड़ोसी देशो� का भी एकमात्� प्रवेश द्वा� है� आज भारती� तथ� अंतर्राष्ट्री� व्यावसायिक बर्म� मे� मौजू� निवे� अवसरों मे� भा� लेने के लि� आतुर है� ‘एशियान� देशो� के सा� अपने व्यापा� को बढ़ान� के लि� भारत की ‘लुक ईस्ट� नीति का इस क्षेत्� पर एक गह� प्रभाव पड़ेग� और बुनियादी ढांच� को नवीनीकृ� करने और सड़� � रे� लिंक के निर्मा� के प्रयास पहले ही कि� जा चुके हैं। ब्रिटि� कंपनियां इनमे� से कु� अवसरों का इस्तेमाल करने और स्थानी� सहयोगियो� के सा� का� करने के लि� काफी उत्सुक है�

यूके ट्रे� एं� इंवेस्टमें� की हमारी व्यावसायिक टी� द्विपक्षी� व्यावसायिक संबंधो� को बढ़ाव� देने के लि� नियमित रू� से उत्त�-पूर्� की यात्रा करती रहती है� ब्रिटि� काउंसि� सरकारो� के सा� मिलक� अस� सहित शिक्षा जैसे क्षेत्रो� मे� सक्रिय रू� से का� करती रही है� भारत-ब्रिटे� सहयो� को और मजबू� करने के लि� व्यक्तिग� रू� से मै� दोनो� सरकारो� तथ� उत्त� पूर्� के उद्योगों के सा� का� करने के लि� उत्सुक हूं।

अब मै� अपने पहले बिंद� पर आत� हू�, जैसा कि आज हम सभी इस सम्मेल� मे� अवगत हो चुके है� कि बगैर शांत� तथ� स्थिरत� के किसी प्रकार का व्यवसा� तथ� आर्थिक विका� संभव नही� हो सकता�

ब्रिटे� के लोगो� को उत्तरी आयरलैं� मे� ऐस� ही अनुभ� रह� है� यद्यपि पिछल� पंद्रह वर्षों मे� अब शांत� स्थापन� की जा चुकी है, पर थोड़े से लो� ऐस� है� जो इस शांत� प्रक्रिय� को अस्थिर करना चाहत� हैं। ये उग्रवादी चाहत� है� कि स्थानी� सरका� विफल हो जा� और उत्तरी आयरलैं� मे� प्रभावी सामुदायि� व्यवस्था कायम करने से पुलि� को रो� दिया जाए। ये समूह काफी छोटे और सीमि� क्षमता वाले है�, पर वे हत्य� करने, लोगो� को विकलां� बनान� और समाज मे� अफरा-तफरी फैलाने की क्षमता रखते हैं।

इन आतंकवादियो� तथ� अपराधियो� के निशाने पर मुख्� रू� से पुलि� अधिकारी, सेना के लो� तथ� जे� अधिकारी रह� हैं। पर उनके हमले व्यापक रू� से समुदाय पर हमले ही है�, जो शांत� की इच्छ� की अभिव्यक्ति को चुनौती देते है� और कई सारे लोगो� के दैनि� जीवन मे� अव्यवस्थ� तथ� बेचैनी पैदा करते हैं। ब्रिटे� की सरका� तथ� उत्तरी आयरलैं� के अधिकारी सरका� तथ� गै�-सरकारी प्रतिनिधियों के सा� का� कर लोगो� और समुदायों को हिंस� से बचान� और उत्तरी आयरलैं� की आर्थिक विका� सुनिश्चि� करने के लि� प्रतिबद्� हैं। मुझे यह कहने मे� खुशी हो रही है कि उत्तरी आयरलैं� के लोगो� की अब जी� हो रही है, और उत्तरी आयरलैं� अंतर्राष्ट्री� कंपनियों को यहां निवे� करने के लि� आकर्षि� कर रह� है, जिनमें भारती� कंपनियां भी शामि� है�, जिसे पत� है कि वह यहां क्या प्रदान कर सकता है�

यही बा� उत्त�-पूर्वी भारत के लि� भी सही है� मुझे पत� है कि यहां की समस्याएं जटिल है� और इन चुनौतियो� का को� आसान हल नही� है�

मुझे इस बा� को लेकर गर्व है कि युनाइटेड किंगडम इस महत्वपूर्ण कार्यशाल� को समर्थन दे रह� है और मै� इसकी सफलत� की कामन� करता हूं। पर संपूर्� भारत तथ� उसके बाहर के विचारो� तथ� अनुभवो� के आदान-प्रदान से इस दिशा मे� प्रगति ला� जा सकती है� मुझे उम्मी� है कि यह सम्मेल� इस दिशा मे� एक छोटी पर अह� भूमिका निभाएगा। सीडीपीएस मे� यहां ऐस� नामची� लोगो� एकत्� हु� है�, जिनक� पा� दोनो� समस्याओं- सुरक्ष� तथ� सामाजि�-आर्थिक आयामों पर विचा�-विमर्श करने के पर्याप्त अनुभ� और जानकारी उपलब्ध हैं।

आपको बहुत-बहुत धन्यवा�!

Updates to this page

प्रकाशित 3 फरवरी 2014