'विश्� की चुनौतियो� से निपटने मे� सहायता देगी प्रौद्योगिकी'
‘भार�-ब्रिटे�: प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष मे� सहयोगी� इस विषय पर एक पैनल चर्च� मे� कोलकात� मे� ब्रिटि� उप उच्चायुक्त ब्रु� बकने� के कथनानुसा� लेख।

हम ते� गत� से हो रह� तकनीकी परिवर्तन के यु� मे� जी रह� हैं। हम हा� मे� ही सूचन� प्रौद्योगिकी क्रांत� के दौ� से गुजर� हैं। लेकि� हमने जानकारियों के डिजिटल स्वरूप मे� तेजी से संचर� के लागत और ला� को समझन� बस शुरू ही किया है� डिजिटल प्रौद्योगिकी से ही हम केवल एक बट� दबाक� अन्य प्रौद्योगिकी को दुनिया के किसी भी कोने मे� हस्तांतरित कर सकते हैं। 3डी प्रिंटर्� जैसी मशीनो� के विका� से अब हम किसी के भी द्वारा वस्तुओ� को किसी भी जग�, किसी भी सम� फि� से निर्मि� कर सकते हैं।
देवियो और सज्जनो, इस शा� के आयोज� मे� उपस्थि� होने के लि� आप सभी का आभार� मै� कोलकात� मे� ब्रिटि� उप उच्चायुक्त ब्रु� बकने� हूं। मै� यहां अगले महीने 7-9 नवम्बर को नई दिल्ली मे� आयोजित होने वाले भारत-ब्रिटे� टे� समिट के प्रत� आपकी उत्सुकता को बढ़ान� आय� हूं। इस शा� का यह आयोज� भारत भर मे� ब्रिटि� उच्चायोग और उप उच्चायोग मे� मौजू� मेरे सहयोगियो� द्वारा आयोजित अनेक कार्यक्रमो� मे� से एक है�
मै� यहां आयोज� के सह-प्रायोजकों मे� से एक भारती� उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के प्रतिनिध� कौशि� भट्टाचार्य के सा� उपस्थि� होकर हर्षित हू�, जो अगले महीने के टे� समिट का संक्षिप्� विवर� देंगे। सीआइआइ द्वारा भारती� सरका� के विज्ञा� और प्रौद्योगिकी विभा� और सहयोगी राष्ट्� के सा� मिलक� सह-आयोजित किया गय� यह पहला टे� समिट नही� है� लेकि� हमें उम्मी� है कि यह सर्वश्रेष्� होगा�
इस शा� यहां प्रौद्योगिकी के पहलुओं पर चर्च� करने के लि� हमने प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के पैनल को एकत्रि� किया है� वे है�:
- श्री सुदिप्तो मुखर्जी, टिटागढ़ वैगं�
- श्री सुदि� दत्त�, आइआइडीएस लिमिटे�
- सुश्री रूपा मिश्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज
- डॉ. कुणा� सरका�, मेडीका सुपरस्पैशैलिटी हॉस्पिटल
- डॉ. बैदुर्� भट्टाचार्य, भारती� प्रौद्योगिकी संस्था�, खड़गपुर
उनके विचा� सुनन� के सा�-सा� मै� आपके प्रश्नों और विचारो� को जानन� के लि� अधिक उत्सुक हूं। अं� मे� जलपा� की व्यवस्था की गई है, इसलि� कृपय� यहां बन� रहें और अधिक अनौपचारि� बातची� जारी रखें�
मै� इस अद्भुत शा� का साक्ष्� बनना चाहत� हूं।
मे� सोचत� हू� हम सभी जानत� है� कि प्रौद्योगिकी क्या है, लेकि� मुझे पत� है कि इस� परिभाषित करना कितन� मुश्कि� है I यहाँ दो परिभाषाए� हो सकती है� - इनमे� से एक है उपायों के बारे मे�:
- वह प्रक्रिय� जिसमें वस्तुओ� अथवा सेवाओं को तैया� के लि� तकनी�, कौशल, विधियो� का प्रयोग हो प्रौद्योगिकी है�
दूसर� परिणाम के विषय मे� है:
- वैज्ञानि� ज्ञा� से विकसित कि� गए मशीनो� और उपकरणो� को प्रौद्योगिकी कहते हैं।
मेरे विचा� से प्रौद्योगिकी माध्यमों और परिणामों का एक मिश्रण है लेकि� मानव जाति के इस निर्मा� और उपयो� से ही इसका अस्तित्व है� यह दोनो� है मशी� भी और उन मशीनो� के भीतर स्थापि� प्रणालियां भी, जो अक्स� सूक्ष्� रू� मे� या माइक्र�-प्रोसेसर के रू� मे� उपस्थि� रहती है�, जिन्हे� उन व्यक्तियों द्वारा संचालि� किया जाता है जिन्हे� यह ज्ञा� नही� रहता कि मशी� का प्रौद्योगिकी का संचालन कैसे होता है�
लेकि� यह विषय केवल मशी� का नही� है� प्रौद्योगिकी है-या यह हमें अनुमति देती है-जैवि� सामग्रियां उगान� मे�, पदार्थों से सामग्रियों पर आवरण चढान� मे�, एक� कोशिका का घनत्� जानन� मे�, कणॉं मे� हेरफेर करने में। इस� बायो-टे�, नैनो-टे�, �-टे�, आइ-टे� जैसे अनेक उपसर्ग दि� जा सकते हैं।
आज के आयोज� की तैयारी मे� सहायता प्राप्� करने के लि� मैंन� पिछल� सप्ताह खड़गपुर के भारती� प्रौद्योगिकी संस्था� का दौरा किया और वहां के वरिष्ठ नेतृत्� मे� आसी� लोगो� से बातची� की� मुझे इस बा� का हर्ष है कि इस संस्था� के निदेशक प्रोफेसर पार्� चक्रवर्ती टे� समिट मे� बोलन� के लि� प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकीविदो� मे� से एक होंग� और डॉ. भट्टाचार्य आज इस शा� यहां हमार� बी� उपस्थि� हैं।
मुझे ब्रिटे� के शो� एव� उच्च शिक्षा के संस्थानो� से उनके सहयो� और साझेदारी के विषय मे� जानक� काफी प्रसन्नत� हुई। हमने जि� विषयों पर चर्च� की उनमे� शामि� है कि कैसे प्रौद्योगिकी के जरिए विश्� के समक्� प्रमुख चुनौतिया� जैसे स्वच्छ जल, जलवायु परिवर्तन, शहरो� मे� भीड़भाड़ आद� से निपट� जा सकता है� लेकि� इस पहलू पर भी चर्च� की गई कि कैसे नई प्रौद्योगिकी रोजगार निर्मा� की रा� मे� एक बड़ी चुनौती साबि� हो रही है, जो कि दुनिया भर की कई सरकारो� के समक्� एक बड़ी चुनौती बन गई है�
चर्च� करते वक्त, प्रोफेसर चक्रवर्ती ने यह जाना कि शायद इन सभी चुनौतियो� से निपटने के लि� हमार� पा� पहले से ही प्रौद्योगिकी उपलब्ध हो, और हमें केवल उसका ज्ञा� नही� है� जैसे कि इन चुनौतियो� से निपटने के समाधान काफी सस्त� हो� अग� हम उन्हें इस्तेमाल करने के लि� इच्छित हों। उदाहरण के तौ� पर, प्लास्टि� पर हमारी निर्भरता-जिसक� कचरा दुनिया भर के महासागरो� तक फै� रह� है-को कम किया जा सकता है अग� हम पैकेजिंग की सामग्री के तौ� पर जू� का उपयो� करें�
आपमे� से कु� लोगो� को यह पत� होगा कि इस वर्ष के टे� समिट मे� ब्रिटे� के सहयोगी राष्ट्� के होने की घोषण� उस वक्त की गई थी जब पिछल� सा� नवम्बर मे� भारती� प्रधानमंत्री ने ब्रिटे� की यात्रा की थी� प्रधानमंत्री मोदी ने यह ध्या� दिया कि ब्रिटे� और भारत का एक अपराजे� संयोजन है� टे� समिट ब्रिटे� और भारत की सर्वोत्कृष्ट प्रौद्योगिकी को प्रदर्शि� करने का अवसर प्रदान करता है और सा� ही प्रमुख प्रौद्योगिकीविदो�, उद्यमियो�, व्यापा� जग� के लोगो� और सरकारी अधिकारियों को परस्पर मिलक� नई साझेदारियो� की संभावनाए� तलाशने का भी अवसर देता है�
अब मै� इस टे� समिट मे� शामि� होने वाले लोगो� की जिज्ञासा को खत्म नही� करना चाहत� हूं। आप वेबसाइ� के जरिए दे� सकते है� कि हमार� पा� आपके लि� क्या खजान� है� मै� चाहत� हू� कि पैनल निम्नलिख्त विषयों पर चर्च� करें:
- कोलकात�, पश्चिक्म बंगा� और शे� पूर्� और उत्त�-पूर्� भारत के विका� के लि� कि� प्रमुख प्रौद्योगिकियो� की आवश्यकता है
- आपके विचा� से कि� क्षेत्रो� मे� ब्रिटे� समाधान प्रदान कर सकता है?
- प्रौद्योगिकी के बेहत� उपयो� के लि� व्यापारि� जग�, शो� संस्था� और अन्य क्या अतिरिक्त कद� उठ� सकते है�?
बल्क� उन मुक्� प्रश्नों को रखने के बा�, मुझे यह एहसा� हु� कि हम घंटो� तक चर्च� कर सकते हैं। हमें अपने चर्च� के दायर� को सीमि� कर कु� विशिष्� क्षेत्रो� पर ध्या� केंद्रित करने की आवश्यकता है� ये निस्संदे� वही क्षेत्� है� जिनप� हम टे� समिट आयोज� मे� ध्या� दे रहें है� और जिनक� लि� आज रात्रि यहां विशेषज्ञ उपस्थि� है�
वे क्षेत्� है�:
- उन्न� विनिर्मा�
- स्मार्� शह�
- स्वास्थ्यसेव� और जी� विज्ञा�
- सूचन� और संचा� प्रौद्योगिकी (आइसीटी) का उपयो�
हमार� द्वारा प्रौद्योगिकी का उपयो� वैज्ञानि� अनुसंधान मे� हमार� प्रयास के स्तर पर भी निर्भर करता है� इसलि� अंति� विषय के चलते मै� भारत के इस भा� के लि� शो� की आवश्यकता के विषय मे� भी जानन� चाहत� हूं।
धन्यवाद।